परमात्मा शिव एक ज्योति बिंदु प्रकाश स्वरूप है l सभी आत्माओ के परमपिता है l क्या परमात्मा अनंत है? सीमीत है? - ज्ञान मुरली स्पास्टीकरण (Murli clarification)
Question asked via Email:
I heard a speaker saying God is a not a finite light , it is not one point of light, it is an infinite light that spreads across everything. Pl. clarify whether God is finite or infinite light ? एक स्पीकर को कहते हुए सुना कि परमात्मा सीमित लाइट नहीं बल्कि अनंत लाइट है जो सभी में फैला हुआ है । कृपया स्पष्ट करें कि परमात्मा सिमित लाइट है या अनंत लाइट ?*
उत्तर (Response /Answer):
परमात्मा लाइट स्वरुप है पर भौतिक नहीं अभौतिक याने दिव्य लाइट ( Divine light )। उसकी किरणें तीनों लोकों तक पहुँचती है । तभी तो उसे सृष्टि का रचयिता अथवा पालनहार या आधारभूत कह सकते हैं ।
जैसे सूर्य एक स्थान पर होता है पर उसकी किरणें सारे भौतिक जगत को रोशनी और शक्ति प्रदान करती है । एक राजा एक स्थान पर हाजिर रहकर सारा राज्य चलाता है, उसका law and order अथवा हुक्म पूरे राज्य पर चलता है, आत्मा भ्रकुटी में एक स्थान पर स्थित होकर अपनी सूक्ष्म शक्तियों द्वार पूरे शरीर को चलाती है, ठीक उसी प्रकार परमात्मा जो न सिर्फ साकार जगत का, बल्कि सूक्ष्म एवं निराकारी जगत का भी नियंता है, उसके गुण वा किरणों को अनंत कह सकते हैं । विराट रूप अनुसार तीनों लोक जैसे कि परमात्मा का विराट शरीर है और इसके चोटी (परमधाम) पर परमात्मा विराजमान है जो इन लोकों के activities को साक्षी होकर देखता रहता है । उसकी उपस्थति मात्र से यह जगत चलायमान है ।
उसकी शक्तियाँ हमारे सामूहिक चेतना द्वारा पाँच तत्वों तक पहुँचता है । विज्ञान की भाषा में परमात्मा को G-force consciousness कहते हैं और अन्य सभी consciousness उनसे जुड़े हैं ।
जिस प्रकार हमने स्वयं को भूलकर देह को ही अपना अस्तित्व समझ लिया उसी प्रकार रचना को रचयिता समझने की भूल कर दी । कभी किसी को यह प्रश्न तो पैदा नहीं होता कि इतनी छोटी सी आत्मा इतने बड़े शरीर को कैसे चलाती है तो इसे भी ऐसे ही समझना हैं। भक्ति मार्ग वालों को परमात्मा का डायरेक्ट परिचय न होने से वे उसके रहने के स्थान को अथवा शक्तियों को ही परमात्मा समझ बड़ी भूल कर दी है जिससे न सर्फ परमात्मा को जड़ ( inert ) और कनिष्ठ बना दिया बल्कि सर्वव्यापी कह के पिता और बच्चे का सम्बन्ध भी मिटा दिया । इसके परिणामस्वरुप परमात्मा की बहुत बड़ी ग्लानी के भागीदार बने और संसार आम और भारत ख़ास को गिरती कला में ले जाने के जिम्मेवार बने ।
तो यह है परमात्मा का यथार्थ परिचय l 1. परम आत्मा एक स्थान से ही जगत की पालना करते है l
2. बिंदु भी है और सिंधु भी - उनकी शक्तिया (किरने) तीनो लोक मे व्यापक होकर नियंत्रण करती है l
3. परमात्मा की उपस्थिति से ही जगत law and order मे चलता है l
---- Useful Links ----
परमपिता परमात्मा का परिचय: https://www.brahma-kumaris.com/introduction-of-god-in-hindi
Hindi RajYog course: https://www.brahma-kumaris.com/raja-yoga-course-hindi
Revelations from Murli: https://www.brahma-kumaris.com/revelations
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