आत्मा की अष्ट शक्तियाँ - राजयोग से प्राप्ति
8 Powers of Soul said in Hindi - आत्मा की ८ शक्तिया - अब हमें यह अनुभूति हो गई है कि हम एक अविनाशी आत्मा हैं जो इस शरीर के माध्यम से कर्म करती है और उस कर्म के फल को भोगती है। अब थोड़ा आगे समझें : आत्मा का मौलिक आंतरिक शक्तियाँ जिसके ज़रिए हम हमारे जीवन की यात्रा को बनाए रखते हैं। वह है समाने की शक्ति, सहन-शक्ति, समेटने की शक्ति, सामना करने की शक्ति, परखने की शक्ति, निर्णय करने की शक्ति, सहयोग करने की शक्ति और विस्तार को संकीर्ण करने की शक्ति या विस्तार को सार में लाने की शक्ति। ➤ PDF
समाने की शक्ति
समाने की शक्ति दूसरों की मौजूदगी, विचार, स्वभाव और इच्छाओं को स्वीकार करने की क्षमता है।
जैसे पानी पात्र के आकर में समा जाता हे और नदी रास्ता के आकार अनुसार अपनी जगह बना लेती हे, इसी तरह यह शक्ति हमें हर परिस्थितियों में पवित्रता के साथ स्वयं को समाए रखना सिखाती है। यह हमें जीवन के हर परिस्थिति में सभी के साथ मिल जुल कर एडजस्ट करके रहेने की शिक्षा देती है। यह जो जैसा है उसको वैसे ही ग्रहण करने की गुण है। हम सभी उत्तम हैं।
सहनशक्ति
सहन करने की शक्ति कठिन परिस्थितियों से प्रभावित हुए बिना सकारात्मक रूप से उन्हें संभालने की क्षमता है।
बाहरी और आंतरिक चुनौतियों को सहन करने की शक्ति। यह आत्मा की सबसे विशेष और उपयोगी शक्ति है और इस शक्ति को उपयोग करके हम संबधों में आते हुए संघर्ष से मुक्त होकर खुशियों से जीवन जी सकते हें। सहन करना मतलब शांत रह कर किसी भी परिस्थितियों का सामना करना। इसके बारे में चिंतन करने के लिए एक सकारात्मक तरीका है। सहन करने का अर्थ केवल ना बोलना या प्रतिक्रिया ना करना नहीं है। यह हे सही तरीके से प्रतिक्रिया करना ताकि दूसरे ब्यक्ति को किसी भी तरह का दर्द या चोट ना पहुँचे।
सामना करने की शक्ति
सामना करने की शक्ति बाह्य और आंतरिक बाधाओं, परीक्षाओं और चुनौतियों का सामना करने की क्षमता है।
यह कठिन चुनौतियों और लोगों के नकारात्मक व्यवहार का सामना करने की शक्ति है। यह सहन करने की शक्ति से एक कदम आगे है। एक तरफ, हम ग़लत को सहन कर सकते हैं और दूसरी तरफ हमने जो सत्यता धारण की है उससे सूचित कर सकते हैं, लेकिन शांतिपूर्वक तरीक़े से। यह जीवन की चुनौतियों को सामना करने की भी शक्ति है। बहादुर बनो और कठिनाइयों को पार करो। यह शक्ति केवल तब आती है जब हमारा हृदय सच्चा है और कर्म सही हैं।
समेट ने की शक्ति
समेटने की शक्ति हर चीज़ों को ख़त्म करने की और व्यर्थ संकल्पों को समाप्त करने की क्षमता है।
नकारात्मक विचार, शब्द, या कार्य को तुरंत रोकने की शक्ति। समेटो और तुरंत आगे बढ़ो। इस शक्ति के लिए उपराम ( डिटैच) रहने का अभ्यास चाहिए। हम अपने मन या दिल की तसल्ली के लिए खुद को अतीत के साथ पकड़कर रखते हैं। हर दिन हम वही एक ही समान जिंदगी जीना चाहते हैं परंतु वास्तव में परिवर्तन ही प्रकृति का नियम है। इसलिए हमें इस शक्ति का अभ्यास ज़रूर करना चाहिए ताकि इस समय हमारे पास जो है उसे समेट सकें और ज़िन्दगी में आगे बढ़ सकें।
परखने की शक्ति
परखने की शक्ति सूक्ष्म को पहचानना और क्या सही है उसको जो गलत है उससे अलग करने की क्षमता है।
निर्णय लेने की शक्ति अपनेआप में एक विशिष्ट गुण हैं ,यह कार्य व परिस्थिति को आकलन कर किसी परिणाम पर पहुँचने की क्षमता है। निर्णय लेना अर्थात किसी निष्कर्ष पर पहुँचना। भगवान् कहते हैं "आप खुद के न्यायाधीश बन जाओ।"जब हम स्वयं को परखते हैं, तो हमें बदलने, और उस गलती को दोबारा न करने का अवसर मिलता है। जब हम यह अभ्यास करते हैं, वास्तव में हम हमारे बुद्धि का गठन करते हैं। हम हमारे मन और इंद्रियों के मालिक हो उनसे वही करवाते है जो उचित है। इस शक्ति का हम सामने वाले व्यक्ति पर भी प्रयोग कर सकते हैं। यह शक्ति किसी भी व्यक्ति से सम्बन्ध बनाने से पुर्व उसको परखकर निर्णय करने में मददगार बनती है।
निर्णय लेने की शक्ति
निर्णय लेने की शक्ति अपने आप में और दूसरों मे विशिष्ट गुण, निर्णय और कार्यों को आकलन करने की क्षमता है।
निर्णय लेना यानी परखना की क्या सही है और क्या गलत। भगवान् कहते हैं "आप खुद के न्यायाधीश बन जाओ।" जब हम स्वयं को परखते हैं, तो हमें बदलने, और उस गलती को दोबारा न करने का अवसर मिलता है। जब हम यह अभ्यास करते हैं, वास्तव में हम हमारे बुद्धि को गठन करते हैं। हम हमारे मन और इंद्रियों को जो सही है वही करने को बोलते हैं। यह दूसरे व्यक्ति के चरित्र को परखने की भी शक्ति है जिस से हम गलत व्यक्ति के साथ संबंध बनाने से बच सकते हैं, या धोखा खाने से बच सकते हैं।
सहयोग करने की शक्ति
सहयोग करने की शक्ति दूसरों के प्रति ध्यान और समय देना, अपने अनुभव और ज्ञान की सेवा देना और उनके साथ मिलकर काम करने की क्षमता है।
1) दूसरों को ज़िन्दगी में आगे बढ़ने या उनकी कमजोरियों एवं जीवन की चुनौतियों को दूर करने में मदद करना। 2) जब हम सामूहिक हो कर एक लक्ष के लिए काम करते हैं , हमें समेटने की और सहयोग करने की दोनों शक्तियों की जरूरत होती है। इस ईश्वरीय मिशन में भी हम सभी खुशी की नयी दुनिया लाने के लिए सहयोग करते हैं। हर किसी का जीवन जीने का एक उद्देश्य होता है और वे इस वर्ल्ड ड्रामा में अपनी भूमिका निभा रहे हैं। निरहंकारी बनें, विनम्र रहें, तभी जा कर आप सभी के साथ समायोजित हो कर सहयोग कर पाओगे।
विस्तार को संकीर्ण करने की शक्ति
बाहरी दुनिया की उथल-पुथल से एक कदम पीछे ले, कुछ क्षणों के लिए अलग हो जाने की ये हमारी शक्ति है।
अनासक्ति होने का अर्थ है की आत्मा इस शरीर, इसकी भूमिका और ज़िम्मेदारी से अपने को अलग महसूस करे। फिर हम चीज़ों को व परिस्थिति को उनके सही रूप से देख सकेंगे और सही निर्णय ले सकेगें। दुःख न देंगे, नहीं किसी से दुःख लेंगे। व्यव्हार ही केवल सुख का करना है। आइए जागरूक रहें- में आत्मा, माता-पिता, पति-पत्नी, और पेशेवर की भूमिका निभा रही हूँ। भूमिका चाहे जो भी हो, मेरे मूल संस्कार शान्ति, प्यार, पवित्रता, ख़ुशी के हैं। मैं दुनिया की हर दूसरी आत्मा का सम्मान करती हूं। मेरे यह गुण मेरी हर भूमिका में प्रतिबिंबित होना चाहिए। मैं एक आत्मा हूँ और मैं विभिन्न भूमिकाएँ निभाने वाली दूसरे आत्माओं के साथ बातचीत कर रहा हूँ। हम सभी इस महान विश्व नाटक में "अभिनेता" हैं।